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Chief Editor: Ashok Heeba
आरएसएस प्रमुख ने कहा, “हमारी शिक्षा प्रणाली न केवल रोजगार के लिए थी बल्कि यह ज्ञान का माध्यम भी थी। शिक्षा सस्ती और सभी के लिए सुलभ थी। इसीलिए शिक्षा का पूरा खर्चा समाज ने उठाया और इस शिक्षा से निकले विद्वानों, कलाकारों और कारीगरों को पूरे विश्व में पहचान मिली।
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