Jalandhar, January 24, 2020
अमृतसर (प्रतिवचन ब्यूरो)
पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक बनाया है, लेकिन उनके द्वारा प्रचार करने की उम्मीद बहुत कम है। वह सात माह से मौन हैैं। पार्टी व मीडिया से दूरी बनाए बैठे सिद्धू व उनका परिवार इस बाबत कुछ बोलने को तैयार नहीं है। नजदीकियों के मुताबिक अभी तक दिल्ली चुनाव में प्रचार को लेकर न तो कोई कार्यक्रम बना है और न ही इस बाबत कोई चर्चा ही हुई है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ हुए विवाद के बाद से ही सिद्धू चुप हैैं। नौ नवंबर 2019 को श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर के उद्घाटन के मौके पर जब वह पाकिस्तान गए थे तो वहां के मंच से खूब गरजे थे। पाक से लौटने पर गुरु पर्व के दिन वह अपने विधानसभा हलके में स्थित गुरुद्वारा नानकसर साहिब वेरका में करतारपुर कॉरिडोर की शुकराना अरदास करने के लिए पहुंचे, लेकिन इस दौरान भी मौन ही रहे। कुछ माह पहले वह माता वैष्णो देवी के दर्शनों को गए। अपने विधानसभा हलके के कुछ कार्यक्रमों में भी गए, पर वहां भी मीडिया से दूर ही रहे।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व सिद्धू के बीच मतभेद बीते लोकसभा चुनाव के दौरान बढ़ गए थे। सिद्धू ने बठिंडा में रैली के दौरान बिना किसी का नाम लिए कहा था कि बादलों से मिलीभगत करने वालों को भी ठोक दें। यह माना गया कि उनका इशारा कैप्टन की तरफ था। चुनाव नतीजे आने के बाद कैप्टन ने कहा कि निकाय विभाग द्वारा अच्छा काम न करने के कारण पार्टी शहरी क्षेत्रों में हारी। इसके बाद कैप्टन ने छह जून को सिद्धू से स्थानीय निकाय विभाग लेकर ऊर्जा विभाग दे दिया था। तब से सिद्धू सरकार व कांग्रेस हाईकमान से नाराज चल रहे हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री को भेजे इस्तीफे की जानकारी भी ट्वीट करके दी थी। 20 जुलाई को कैप्टन ने इस्तीफा स्वीकार कर राज्यपाल को भेज दिया। 21 जुलाई को सिद्धू अमृतसर पहुंचे और तब से मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं। अपनी कोठी के अंदर ही समर्थकों से मिलते हैैं। सिद्धू से वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी दूरी बनाए हुए हैं।
PPCC में पद मिलने की चर्चा
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PPCC) की कार्यकारिणी भंग होने के बाद सिद्धू के नजदीकियों में आस जगी है कि PPCC में उन्हें अहम पद मिल सकता है। यह भी कयास लगाए जा रहे हैैं कि अगले पंजाब विधानसभा चुनाव में वह अहम चेहरा हो सकते हैैं। अगर PPCC में उन्हें कोई अहम पद मिलता है तो यह उनके लिए जहां सियासी संजीवनी होगा, वहीं उनके समर्थकों में भी उत्साह का संचार करेगा। दूसरी तरफ सिद्धू विरोधी नहीं चाहते कि उन्हें किसी भी तरह की सियासी ताकत मिले और फिर से वह अमृतसर या पंजाब में ताकतवर हों।
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