Jalandhar, March 11, 2023
24 घंटे में सरकार और सरपंचों के बीच 5 बार बातचीत के बावजूद कोई निष्कर्ष नहीं निकला। सरपंच संघ के पदाधिकारियों की मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ बैठक के बाद भी कोई समाधान नहीं निकला। सरपंचों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संगठन ने ई-टेंडरिंग का विरोध किया और कहा कि वे अब 17 मार्च को होने वाली विधानसभा का बहिष्कार करेंगे क्योंकि राज्य सरकार के साथ वार्ता के दौरान उनकी मुख्य मांगों पर सहमति नहीं बन सकी।
सरकार द्वारा सादे कागज पर कलम से लिखा गया सहमति पत्र शुक्रवार को तैयार किया गया। जिसमें लिखा था कि मांगों को मानने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद। हालांकि, यह पेपर अटका रहा। गुरुवार को देर रात हुई वार्ता में मुख्यमंत्री ने ई-टेंडरिंग की सीमा पांच लाख रुपये और मानदेय पांच हजार रुपये करने की पेशकश की। सरपंच शुक्रवार को दिन भर मंथन करते रहे । सरपंचों से लगातार बात कर रहे प्रचार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष तरुण भंडारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी मांग मान ली है, लेकिन सरपंचों ने किन्हीं कारणों से नहीं मानी है।
सरपंच एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रणबीर समौन ने कहा कि सरकार से कोई समझौता नहीं हुआ है। अब हम गांवों को बचाने के लिए आंदोलन चलाएंगे। 17 मार्च को विधानसभा का घेराव किया जाएगा । मुख्य मुद्दे ई-निविदा प्रणाली और राइट टू रिकॉल थे। हमें कहा गया कि आप पहले लिखित में दें कि हम सहमत हैं, फिर हम मुख्यमंत्री से मिलने की व्यवस्था करेंगे। सरकार ने 5 लाख रुपये तक की मांग की थी, लेकिन एक शर्त जोड़ दी कि वे साल में केवल पांच काम ही कर पाएंगे। हम स्वतंत्र रूप से काम करना चाहते हैं। 5,000 मानदेय और प्रांतीय टोल टैक्स में राहत का आश्वासन दिया।
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