jalandhar, January 24, 2020
चंडीगढ़ (प्रतिवचन ब्यूरो)
पंजाब में वायु प्रदूषण (Air Pollution) से निपटने के लिए राज्य सरकार ने 15 साल से पुराने डीजल वाले तिपहिया वाहनों (ऑटो) को इलेक्ट्रिक व CNG वाहनों से बदलने का फैसला किया है। यह फैसला सरकार के 'मिशन तंदुरुस्त पंजाब' के तहत लिया गया है।
मिशन के निदेशक काहन सिंह पन्नू ने बताया कि राज्य में बड़ी संख्या में 15 साल से पुराने तिपहिया वाहन चल रहे हैं, जबकि पंजाब मोटर व्हीकल एक्ट-1989 (Punjab Motor Vehicle Act-1989) के नियम 68C के मुताबिक कोई भी तिपहिया वाहन या ऑटो रिक्शा 15 साल से अधिक नहीं चलाया जा सकता। सभी बड़े शहरों के डिप्टी कमिश्नरों को पुराने तिपहिया वाहन खत्म करने या इन वाहनों के मालिकों को इन्हें गैस व इलेक्ट्रिक वाहनों से बदलने के आदेश दिए हैं।
चालकों की मदद के लिए सभी जिलों में बनेगी कमेटी
इच्छुक वाहन चालकों की मदद के लिए सभी जिलों में डिप्टी कमिश्नर एक वरिष्ठ अधिकारी के नेतृत्व में जिले की ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (Pollution Control Board), ट्रांसपोर्ट विभाग (Transport Department) और जिले के अग्रणी बैंकों के अधिकारियों की कमेटी गठित बनाएंगे।
20 से 25 हजार रुपये देगी सरकार
मिशन के निदेशक काहन सिंह पन्नू ने बताया कि कुछ बड़ी इलेक्ट्रिक व CNG आधारित ऑटोमोबाइल बनाने वाली कंपनियों ने पुराने तिपहिया वाहनों को नए वाहनों से बदलने के लिए 20 से 25 हजार रुपये देने का प्रस्ताव दिया है। ये कंपनियां इन पुराने वाहनों को भट्ठियों में पिघला कर खत्म कर देंगी। पुराने वाहनों को नए वाहनों में बदलने के लिए मुद्रा योजना या सरकार की किसी अन्य योजना के तहत रियायती दरों पर बैंक लोन दिया जाएगा। ऐसे आवेदकों की सुविधा के लिए पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग (Department of Environment and Climate Change) कैंप भी लगाएगा।
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