Jalandhar, March 13, 2023
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वन रैंक वन पेंशन पॉलिसी के तहत पेंशन भुगतान के मामले में कहा है कि वन रैंक वन पेंशन के एरियर के भुगतान को लेकर 20 जनवरी को जारी अधिसूचना को वापस लेना होगा। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. वन रैंक वन पेंशन को लेकर चंद्रचूड़ ने कहा कि रक्षा मंत्रालय को कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।20 जनवरी की अधिसूचना को वापस लेना चाहिए।इसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट पेंशन बकाया भुगतान के लिए और समय देने की केंद्र की अर्जी पर सुनवाई करेगा।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने अगले सोमवार तक पेंशन बकाया के भुगतान के संबंध में अटॉर्नी जनरल से एक नोट भी मांगा है, जिसमें यह जानकारी देनी है कि कितना भुगतान बकाया है और कितने समय में किया जाएगा। अब इस मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी।
इससे पहले 27 फरवरी को हुई पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मंत्रालय के सचिव द्वारा जारी पत्र पर आपत्ति जताई थी और उन्हें इस मामले में व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का आदेश दिया था। मुख्य न्यायाधीश ने रक्षा मंत्रालय का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन से कहा था, "आप सचिव को बताएं कि हम 20 जनवरी को पत्र जारी करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे, बेहतर होगा कि वह इसे अगली तारीख से पहले वापस कर दें।" " न्यायिक प्रक्रिया की शुचिता बनाए रखनी चाहिए। या तो सचिव उस संचार को वापस ले लें या हम मानहानि का नोटिस जारी करेंगे। कानून को अपने हाथ में लेने का कोई अधिकार नहीं है।
पिछले साल मार्च के महीने में केंद्र के फॉर्मूले के खिलाफ वकील बालाजी श्रीनिवासन द्वारा भारतीय पूर्व सैनिक आंदोलन द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था। शीर्ष अदालत ने 9 जनवरी को केंद्र को सशस्त्र बलों के सभी पात्र पेंशनभोगियों के कुल एक रैंक एक पेंशन बकाये का भुगतान करने के लिए 15 मार्च तक का समय दिया था। इसके बाद सरकार ने सशस्त्र बलों के सभी पात्र पेंशनभोगियों को ओआरओपी योजना का बकाया भुगतान करने के लिए 15 मार्च तक का समय बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।इस मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी।
2025. All Rights Reserved