August 04, 2021 11:19 am
भारत में कोरोना वायरस महामारी के लिए देश भर में टीकाकरण अभियान चल रहा है | बजुर्गो और नौजवानों के टीकाकरण के बाद अब बच्चों के टीककरण की तयारी चल रही है | दूसरी लहर के बाद अब देश में तीसरी लहर भी आ गयी है | जिसके बचाव क लिए हर किसी का टिक्काकर्ण अनिवार्य है | बच्चो के टीकाकरण के लिए काफी समय से ट्रायल चल रहा है , जिसमे जायडस कैडिला की वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिल सकती है | इस वैक्सीन 2 हफ्तों के भीतर भारत में मंजूरी मिल सकती है | जायडस की कोरोना वैक्सीन का 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों पर ट्रायल किया गया है | यह जानकारी निति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ पॉल ने दी है जिसमे उन्होंने बताया की अब जल्द ही इस वैक्सीन को डीसीजीआई से अनुमति मिलने की उम्मीद है |
जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन जाइकोव डी (Zycov D) का तीसरे चरण का ट्रायल पूरा हो चुका है | कंपनी ने करीब 28 हज़ार लोगों पर त्र्याल पूरा करने के बाद इमरजेंसी यूज़ ऑथराइजेशन यानी आपात इस्तेमाल के लिए आवेदन दिया है | जिस पर सीडीएससीओ की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी में डेटा एनालिसिस हो रहा है | जायडस कैडिला की तरफ से यह दावा किया गया था की इस वैक्सीन को करीब हज़ार बच्चों पर ट्रायल किया गया था , जिसमे 12 से 18 साल के बच्चे शामिल थे | जिसमे यह वैक्सीन सुरक्षित पाया गया | तीन डोज वाले इस वैक्सीन को 4-4 हफ्तों के अंतराल पर दी जा सकती है | यह वैक्सीन नीडल फ्री है | इसे जेट इंजेक्टर के ज़रिए दिया जा सकेगा | कंपनी की योजना सालाना 10 -12 करोड़ डोज़ बनाने की है |
जायडस कैडिला ने कुछ दिनों पहले दावा किया था कि इस वैक्सीन को 12 से 18 साल के करीब हजार बच्चों पर भी ट्रायल किया गया और सुरक्षित पाया गया. इसकी एफिकेसी 66.60 फीसदी है. तीन डोज वाले इस वैक्सीन को 4-4 हफ्तों के अंतराल पर दी जा सकती है. इस वैक्सीन को 2-8 डिग्री तापमान पर स्टोर किया जा सकता है. ये पहली Plasmid डीएनए वैक्सीन है. इसमें इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं बल्कि ये वैक्सीन नीडल फ्री है, इसे जेट इंजेक्टर के ज़रिए दिया जा सकेगा. कंपनी की योजना सालाना 10-12 करोड़ डोज बनाने की है |
2025. All Rights Reserved