Jalandhar, March 16, 2023
टोरंटो से मिली जानकारी के मुताबिक रिपोर्ट में कहा गया है कि ये 700 छात्र +2 पास करने के बाद जालंधर स्थित एजुकेशन माइग्रेशन सर्विसेज कंपनी के माध्यम से एक स्थानीय एजेंट के माध्यम से कनाडा पहुंचे थे। समस्या तब शुरू हुई जब सीबीएसए ने छात्रों को जारी किए गए वीजा के आधार पर दस्तावेजों की जांच की और प्रवेश प्रस्ताव पत्र को फर्जी पाया। सुनवाई का अवसर देने के बाद सभी छात्रों को निर्वासन नोटिस जारी किया गया। यह इंगित किया गया था कि एजेंट ने हमारे वीज़ा आवेदन फ़ाइलों पर चालाकी से हस्ताक्षर नहीं किए थे, बल्कि प्रत्येक छात्र एजेंट की सेवाओं को शामिल किए बिना स्वयं-आवेदक था। एजेंट ने जानबूझकर ऐसा किया है।
एकमात्र उपाय निर्वासन नोटिस को अदालत में चुनौती देना है, जिसमें 3 से 4 साल लग सकते हैं। कनाडा में वकीलों की सेवाएं लेना बहुत महंगा है। सीबीएसए कनाडा के वीजा और हवाईअड्डे के अधिकारियों द्वारा वीजा जारी करने और सभी दस्तावेजों की प्रामाणिकता को सत्यापित करने में विफल रहने को स्वीकार नहीं करता है।
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